नवादा अकबरपुर ताजिया विसर्जन के दौरान तीन कि मौत
नवादा। अकबरपुर में ताजिया विसर्जन के दौरान पचरूखी में रोड़ेबाजी की घटना हुई। जिसमें कई लोगों को चोटें आई। हालांकि सतर्क प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए स्थिति को काबू में कर लिया। सूचना के बाद डीएम-एसपी अकबरपुर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया। अधिकारी द्वय ने उपद्रवियों से सख्ती से निपटने की हिदायत स्थानीय अधिकारियों को दी है। बताया जाता है ताजिया पहलाम के पूर्व पचरूखी में बजरंगबली चौक के पास मिलन समारोह चल रहा था। इस दौरान शराती तत्वों ने रोड़ेबाजी कर दी। रोड़ेबाजी शुरू होते ही वहां भगदड़ मच गई। फलत: कई लोग चोटिल हुए। जख्मियों में एक मो. जुबैद को इलाज के लिए सदर अस्पताल नवादा में दाखिल कराया गया है। डीएम ने जिलेवासियों से किसी प्रकार के अफवाहों से बचने की अपील की है। एसडीएम रजौली, एसडीपीओ रजौली और एएसपी अभियान अकबरपुर में कैंप कर स्थिति को संभालने में जुटे हुए हैं।
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कड़ी सुरक्षा के बीच निकला ताजिया जुलूस
अकबरपुर (नवादा): पुख्ता सुरक्षा इंतजामों के बीच सोमवार को हसन हुसैन की शहादत की याद में अकबरपुर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ताजिया जुलूस परंपरागत तरीके से निकाला गया। जुलूस संपूर्ण बाजार का भ्रमण करते हुए पचरुखी से नेजमा पाती होकर कर्बला पहुंचा जहां ताजिया का पहलाम किया गया। नेमदारागंज, बरेव, राजहट, पिथौरी, खानपुरा, मदैनी, मस्तानगंज, डीही, फरहा, देवरा, माखर, पैजुना आदि ग्रामीण क्षेत्रों में भी संवेदनशील स्थानों पर दंडाधिकारी पुलिस अधिकारी और सशस्त्र बलों की उपस्थिति में ताजिया का जुलूस निकाला गया। जुलूस में शरारती तत्वों पर पैनी नजर रखी जा रही थी। ताजिया जुलूस की सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में एसएसबी के जवानों की तैनाती की गई थी। जुलूस को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करवाने के उद्देश्य अनुमंडल पदाधिकारी शंभु शरण पांडेय, एसडीपीओ उपेंद्र कुमार यादव, एएसपी अभियान आलोक कुमार झा अकबरपुर में कैंप किए हुए थे। बीडीओ मो. नौशाद आलम सिद्दीकी और थानाध्यक्ष संजीव मौआर एवं अन्य अधिकारी जुलूस के साथ चल रहे थे। खानपुरा, पिथौरी, पचरुखी आदि कई स्थानों पर अखाड़े में लाठी खेलने के दौरान मामूली झड़पे हुई। जिससे प्रशासन के लोगों ने समझा-बुझाकर विवाद को शांत कराया। प्रखंड के कुहिला,केंदुआ, पसिया, माने बिगहा आदि दर्जनभर गांव में हिन्दु लोग ताजिया का निर्माण किया करते हैं। और हजरत मोहम्मद साहब के प्रति आस्था जताते हैं। लोग बताते हैं कि मुरादें पूरी होने पर लोग बहुत दिनों से ताजिया का निर्माण व परंपराओं का निर्वहन करते आ रहे हैं।
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