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Monday, 2 October 2017

www.patnanews.in


पूर्व मध्य रेल के सभी महत्वपूर्ण स्टेशनों की पार्किंग में वाहन खड़ा करने पर यात्रियों को पार्किंग शुल्क के साथ जीएसटी देना होगा। जल्‍द ही नई बढ़ी हुई दर लागू की जायेगी।



पटना [जेएनएन]। पूर्व मध्य रेल के सभी महत्वपूर्ण स्टेशनों की पार्किंग में वाहन खड़ा करने पर यात्रियों को पार्किंग शुल्क के साथ जीएसटी देना होगा। अब यात्रियों को पार्किंग शुल्क के लिए और जेब ढीली करनी होगी। इस संबंध में रेलवे बोर्ड की ओर से सभी जोन को आदेश निर्गत किया गया है।

हालांकि रेलवे की ओर से जीएसटी लागू होते ही सभी ठेकेदारों से वाहन पार्किंग शुल्क के साथ-साथ जीएसटी की वसूली शुरू कर दी है। ठेकेदार रेलवे पर पार्किंग शुल्क की रसीद पर जीएसटी के साथ दर छपवाने का दबाव बनाने लगे हैं।
जीएसटी के लागू होते ही पटना जंक्शन, राजेन्द्र नगर टर्मिनल आदि प्रमुख स्टेशनों के पार्किंग शुल्क में 18 फीसद की बढ़ोतरी होने की संभावना है। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो रेलवे ठेका देते समय ही आवेदक से जीएसटी के रूप में 18 फीसद राशि अतिरिक्त वसूल ले रहा है। इसको लेकर ठेकेदार रेलवे पर पर्ची में जीएसटी जोडऩे का दबाव बनाने लगे हैं।

रेलवे बोर्ड से जारी आदेश सभी मंडलों में लागू हो जाएगा। अभी जहां पटना जंक्शन व राजेन्द्र नगर टर्मिनल पर चार पहिया वाहन खड़ा करने के लिए प्रीमियम पार्किंग पर 50 रुपये देने पड़ते हैं और जनरल पार्किंग पर 25 रुपये देने पड़ते हैं। जीएसटी लगने पर 50 के बदले 60 रुपये तथा 25 रुपये के बदले उन्हें 30 रुपये देना होगा। यह राशि पहले तीन घंटे के लिए ही मान्य होगी। इसी तरह मोटरसाइकिल पार्किंग पर भी जीएसटी की वसूली की जाएगी।


बिहार के सहरसा जिले में एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण एम महिला ने सड़क पर ही बच्‍चे को जन्‍म दिया। प्रसव पीड़ा होने पर वह पैदल ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जा रही थी।



सहरसा [जेएनएन]। बिहार सरकार सुरक्षित प्रसव के लाख दावे करे पर हकीकत इससे इतर है। सोमवार को सहरसा में एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण एक महिला को  सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। 

घटना साहपुर पंचायत के हरिपुर गांव की है। मो. जफरूल की पत्नी शहजादी खातून को अल सुबह प्रसव पीड़ा होने लगी। घर में पति या अन्य पुरुष सदस्य के नहीं रहने तथा गरीबी के कारण निजी वाहन की व्यवस्था नहीं हो पाई।

ग्रामीणों द्वारा एंबुलेंस के लिए फोन किया गया जो रीसिव नहीं हुआ। इसके बाद गर्भवती महिला पैदल ही परिजन के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) की तरफ निकल पड़ी।

स्थानीय थाने के निकट पहुंचते ही असहनीय प्रसव पीड़ा होने पर वह सड़क किनारे ही बैठ गई। राहगीरों द्वारा स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को एंबुलेंस भेजने के लिए दूरभाष से सूचना दी गई। एंबुलेस आने में विलंब होता देख राहगीरों द्वारा सड़क किनारे ही कपड़े से घेर दिया गया और थाने के सामने ही महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया।

प्रसव उपरांत राहगीरों ने ऑटो किराए पर लेकर पीडि़त महिला को स्थानीय पीएचसी तक पहुंचाया। चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. विवेकानंद ने कह कि घटना की जानकारी उन्हें भी मिली है। पता किया जा रहा है कि एंबुलेंस महिला तक क्यों नहीं पहुंच सकी।


सहरसा [जेएनएन]। बिहार सरकार सुरक्षित प्रसव के लाख दावे करे पर हकीकत इससे इतर है। सोमवार को सहरसा में एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण एक महिला को  सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। 

घटना साहपुर पंचायत के हरिपुर गांव की है। मो. जफरूल की पत्नी शहजादी खातून को अल सुबह प्रसव पीड़ा होने लगी। घर में पति या अन्य पुरुष सदस्य के नहीं रहने तथा गरीबी के कारण निजी वाहन की व्यवस्था नहीं हो पाई।

ग्रामीणों द्वारा एंबुलेंस के लिए फोन किया गया जो रीसिव नहीं हुआ। इसके बाद गर्भवती महिला पैदल ही परिजन के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) की तरफ निकल पड़ी।

स्थानीय थाने के निकट पहुंचते ही असहनीय प्रसव पीड़ा होने पर वह सड़क किनारे ही बैठ गई। राहगीरों द्वारा स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को एंबुलेंस भेजने के लिए दूरभाष से सूचना दी गई। एंबुलेस आने में विलंब होता देख राहगीरों द्वारा सड़क किनारे ही कपड़े से घेर दिया गया और थाने के सामने ही महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया।

प्रसव उपरांत राहगीरों ने ऑटो किराए पर लेकर पीडि़त महिला को स्थानीय पीएचसी तक पहुंचाया। चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. विवेकानंद ने कह कि घटना की जानकारी उन्हें भी मिली है। पता किया जा रहा है कि एंबुलेंस महिला तक क्यों नहीं पहुंच सकी।

बिहारः मुजफ्फरपुर गैंगरेप के चारों आरोपी गिरफ्तार

बिहार के मुजफ्फरपुर गैंगरेप के चारों आरोपियों को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इन चारों दरिंदों ने एक नाबालिक लडकी के साथ न सिर्फ सामूहिक बलात्कार किया था, बल्कि उसका वीडियो बनाकर इंटरनेट पर वायरल कर दिया था. वीडियो देखकर ही इन आरोपियों का सुराग पुलिस को मिला था.
गैंगरेप की ये शर्मनाक वारदात बीती 28 सितंबर को हुई थी. जब रात में मेला देखकर लौट रही 14 वर्षीय एक नाबालिक बच्ची के साथ गांव के ही गगन कुमार, सचिन कुमार, रौशन और अनीश कुमार ने मिलकर किया था. उन दरिंदों ने मोबाइल से वारदात की वीडियो भी बनाई थी. जिसे बाद में सोशल साइट्स पर वायरल कर दिया था.
घटना की जानकारी मिलने के बाद गांव की पंचायत ने मामले को दबाने की कोशिश भी की था. लडकी को कुछ रूपये देकर चुप रहने के लिए कहा गया. लोकलाज के डर से पीडित परिवार भी चुप रहा लेकिन वारदात का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने इस संबंध में रविवार को एफआईआर दर्ज की.
इस दौरान गांव के कुछ लोगों की मदद से आरोपी भगाने में कामयाब हो गए. इसके बाद पुलिस ने चारों को दबिश देकर अलग अलग स्थानों से गिरफ्तार कर लिया. अब पुलिस  की मदद करने वालों की तलाश कर रही है.
एसएसपी विवेक कुमार के आदेश पर डीएसपी पूर्वी गौरव पांडेय के नेतृत्व में एक टीम गठित कर आरोपियों की तलाश में लगाई गई थी. जिसने चारों आरपियों को गिरफ्तार किया. अब पुलिस चारों से पूछताछ कर रही है.

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