Saturday, 31 December 2016
Thursday, 29 December 2016
Networking ascpn
नेटवर्किग के लिए कई हार्डवेयर इस्तेमाल होते है।
सर्वर Server
ऐसा कंप्यूटर जो अपने से जुडे हुए कंप्यूटरों की सूचनाएं उपलब्ध कराता है सर्वर कहलाता है। जैसे वेब सर्वर, मेल सर्वर और LAN सर्वरा। टिपिकल सर्वर वह कंप्यूटर सिस्टम है जो नेटवर्क में लगातार चलता रहता है और नेटवर्क से जुड़े अन्य कंप्यूटरों द्वारा सेवाएं मांगने का इंतजार करता है। कई सर्वर इस भूमिका के प्रति समर्पित रहते है लेकिन कुछ ऐसे भी होते है जिनका इस्तेमाल अन्य कार्यों के लिए भी किया जा सकता है। उदाहरण के लिए एक छोटे आँफिस में एक बड़ा डैस्कटॉप कंप्यूटर एक व्यक्ति के लिए डेस्कटॉप वर्कस्टेशन की तरह और वाकी कंप्यूटरों के लिए एक सर्वर की तरह कार्य कर सकता है।server |
सर्वर फिजिकली' आजकल आम उपयोग में आने वाले कंप्यूटर की तरह ही होते है हालांकि यदि वे सर्वर को भूमिका के प्रति समर्पित है तो उनका हार्डवेयर संघटन इस भूमिका पर खरा उतरने के लिए थोड़ा भिन्न हो सकता है। हार्डवेयर ज्यादातर जैसे की होते है जो स्टैंडर्ड कप्यूटर में इस्तेमाल होते है हालांकि सर्वर के सॉफ्टवेयर डेस्कटॉप कंप्यूटर और वर्कस्टेशन में इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर की अपेक्षा काफी अलग होते हैं।
सर्वर हार्डवेयर रिसॉसेज का मेजबान होता है। इन्हें वह क्लाइंट कंप्यूटरों को नियत्रण और शेयर करने के लिए उपलब्ध कराता है। जैसे प्रिंटर (प्रिंट सर्वर) और फाइल सिस्टम (फाइल सर्वर ) । यह शेयरिंग एक्सेस कंट्रोल और सिक्योरिटी के लिहाज से काफी अच्छी होती है और हार्डवेयर के डुप्लीकेशन से बचाकर खर्चा भी काफी कम कर देती है।
नेटवर्क इंटरफेस कार्ड Network Interface Card
एक नेटवर्क कार्ड, नेटवर्क एडैप्टर अथवा NIC (Network Interface Controller ) कंप्यूटर हार्डवेयर का एक सूत्र होता है जो एकं कंप्यूटर नेटवर्क में जुडे कंप्यूटरों को एक दूसरे से Communicate करने की सुविघा देता है। 'जब कोई नैटवर्क इंटरफेस कार्ड बनता है तो उसे एक यूनीक हार्डवेयर एड्रेस दिया जाता है। जब information भेजी अथवा रिसीव की जाती है तो हार्डवेयर का एड्रेस नेटवर्क इंटरफ़ेस कार्ड को पहचानने में मददगार होता है। अलग अलग तरह के Operating System के लिए नेटवर्क इंटरफेस कार्ड ड्राइवर के साथ आता है। ड्राइवर एक Software होता है जिसके जरिए ऑपरेटिंग सिस्टम नेटवर्क इटरर्फस कार्ड के बीच सूचनाओं का आदान प्रदान करता है। नेटवर्क इंटरफ़ेस कार्ड ठीक से कार्य करे इसके लिए जरूरी है कि सही ड्राइवर इंस्टॉल किया जाए। यदि ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर ने नेटवर्क इंटरफेस कार्ड जोड़ने के बाद अपने आप ड्राइवर को इंस्टॉल नहीं करा तो आपको ड्राइवर की Manual Install करना होगा।
वायरलेस नेटवर्क इंटरफ़ेस कंट्रोलर (WNIC) एक नेटवर्क कार्ड है जाँ रेडियों बेस्ड कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़ा होता है यह आम नेटवर्क इंटरफेस कार्ड NIC की तरह वायर बेस्ट नेटवर्क से जुड़ा नहीं होता है।WNIC Wireless Desktop Computer के लिए एक आवश्यक उपकरण है। यह Card Microwave के माध्यम से Communicate करने के लिए एक Antenna का इस्तेमाल करता है।
स्विच Switch
नेटवर्क स्विच (अथवा सिर्फ स्विच) एक नेटवर्क डिवाइस है जो हार्डवेयर की स्पीड तक ट्रसिंपेरेटै बिजिंग बनाता है। आम हार्डवेयर में स्विच शामिल होते हैं जो प्रति सेकंड 10 , 100 अथवा 1000 मैगाबिट पर कनेक्ट हो सकते हैं। ये हाफ और फुल डूप्लेक्स के रूप में होते हैं। हाफ डुप्लेक्स से मतलब है कि एक समय में उपकरण डाटा रिसीव कर सकता है या भेज सकता है। जबकि फूल डूप्लेक्स में उपकरण एक ही समय में डाटा भेज भी सकता है और रिसीव भी कर सकता है। स्विच को हब के स्थान पर इस्तेमाल किया जा सकता है।जब किसी नए यूजर को जोड़ने के लिए अथवा और जटिल एप्लीकैशन के लिए किसी नैटवर्क को बनाया जाना है तो हो सकता है कि नेटवर्क जितनी सूचनाओ को ट्रासफर करने की क्षमता रखता हो उससे ज्यादा सूचनाएं उसमें ट्रासफर होने के लिए तैयार हों। ऐसै में स्वाभाविक है कि नेटवर्क या तो धीमे काम करेगा या उसमें कोई अन्य दिक्कत पैदा हो जाएगी। इससे बचने के लिए और नेटवर्क की क्षमता को बढाने के लिए ओवरलोड नैटवर्क में हब को स्विच से रिप्लेस कर देते हैँ। आमतौर पर इस रिप्लेसमेप्टे के दोरान नेटवर्क के अन्य घटकों जैसे कि केवल सिस्टम को रिप्लेस करने की जरूरत नही होती।
सुरक्षा Security
स्विच यह तय करने में मदद करते है कि जो सूचनाएं नेटवर्क के जरिए शिफ्ट हो रही है वे सुरक्षित रहे । हब नेटवर्क के हर कंप्यूटर को सूचनाये ट्रासफर कर देता है जबकि स्विच में ये बनाए केवल वांछित रिसीवर को ही उपलब्ध होती हैं।राऊटर स्विच Router Switch
कुछ स्विच राउर्टिंग स्विच कहलाते हैं। इनमें राऊटर जैसी क्षमताएं होती हैं। राउर्टिंग स्विच नेटवर्क के किसी स्थान पर भेजी जाने वाली सूचनाओं का पहचान कर उन्हें रास्ता दिखाते है। इसके अलावा राउर्टिंग स्विच में यह क्षमता भी होती है कि वे सूचनाओं को उनकी मजिल तक पहुचने का सबसे सही रास्ता खोजकर उसी रास्ते में सूचनाएं भेजें।Repeater
Repeater Electronics उपकरण होते हैं जो मंद अथवा निम्न स्तर के सिगनल को रिसीव कर उन्हें उच्च स्तर अथवा उच्च शक्ति का बनाकर भेजते है ताकि सिगनल लम्बी दूरी को बिना किसी वाधा के तय कर सके । ये LANs में Segments को Interconnect करने के लिए इस्तेमाल होते हैं और WAN ट्रांसमिशन को बढ़ा देते हैं। केबल में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते जाते सिग्नल कमजोर पइ जाते हैं। इसे आमतौर पर Attenuation कहा जाता है। रिंपीटर उन समस्याओँ से बचाते है जो सिग्नल के कमजोर पड़ने से पैदा होती हैं।Repeater का इस्तेमाल नेटवर्क में कंप्यूटर उपकरणों को एक दूसरे से जोड़ने वाली केबल की लम्बाई बढ़ाने के लिए किया जाता है। रिपीटर उस समय बहुत ही उपयोगी साबित होते है जहाँ कंप्यूटरों को एक दूसरे से जोड़ने के लिए काफी लंबी जरुरत होती है जैसे एक की बड़े मालगोदाम के नेटवर्क में।
ब्रिज Bridge
ऐसा उपकरण जो दो नेटवर्कों को एक बड़े Logical Network के रूप में जोड़ देता है ताकि उनके बीच सूचनाओ का आदान-प्रदान हो सके।ब्रिज छोटे नेटवर्कों को आपस में जोड़ने के लिए काम आते हैं ताकि वे सभी नेटवर्क संयुक्त रूप से एक बड़े नेटवर्क के रूप में कार्य कर सकें।
ब्रिज एक व्यस्त नेटवर्क को छोटे छोटे हिस्सों में बांटने में भी काफी मददगार साबित होता है। व्यस्त नेटवर्क को बाटने की जरुरत तब होती है जब नेटवर्क के ट्रैफिक को कम करना हो। एक ब्रिज नेटवर्क इस हिस्से की वाकी के हिस्सों से अलग रख सकता है।
राउटर Router
राउटर वह कंप्यूटर नैटवर्क उपकरण है जो नेटवर्क में कहीं से भी डाटा को कही भी 'भेज सकता है। उसकी इस पूरी प्रक्रिया को राउटिंग कहते है।राउटर दो या दो से अधिक नेटवर्कों के बीच एक जंक्शन की तरह कार्य करता है ताकि उनके बीच डाटा के पैकेट इधर से उधर हो सकें। राउटर स्विच का ही एक भिन्न रूप है। स्विच उपकरणों को जोड़ते है ताकि एक लोकल एरिया नेटवर्क बन सके राउटर और स्विच के विभिन्न कार्यों की समझने का सबसे आसान तरीका है कि स्विच को पड़ोस की सड़कें मान लें और राउटर को सड़क के चिन्हो से बने हिस्से। .
एक बड़े नेटवर्क में एक से ज्यादा रूट हो सकते है जिनके जरिए सूचनाएं अपनी मंजिल तक पहुच सकें। कुछ राउटर ऐसै भी होते है जो अपने आप पता लगा लेते है कि नेटवर्क के फला हिस्से में कुछ गड़बड़ है या वह
काफी स्लो है। ऐसे में राउटर कोशिश करता है कि सूचना को समस्याग्रस्त एरिया से न भेजकर किसी दूसरे रास्ते सै- उसकी मजिल तक भेजा जाए ताकि नेटवर्क में गड़बड़ी का कम से कम असर हो। राउटर को बुद्धिमान कहा जाता है क्योकि वे भाप लेते है कि किसी सूचना को उसकी मंजिल तक पहुचाने का सबसे अच्छा रास्ता कौन सा होगा।
राउटर के प्रकार Types of Routers
ज्यादातर राउटर सूचनोओं के लिए सबसे अच्छे रास्ते की अपने आप भाप लेते हैं। पुराने राउटर जिन्हें Static Router कहा जाता है के साथ काम करते समय Network Administrator को राउटर को मैनुअली बताना होता था कि हर रूट की Information रखे। जबकि नए राउटर जिन्हें Dynamic Router कहा जाता है अपने आप नेटवर्क में उपलब्ध समी रूटों को टेबल तैयार कर उसे मेटेन करता रहता है।बाइड एरिया नेटवर्क (WAN) Wide Area Network
राउटर Local एरिया नैटवर्क को वाइड एरिया नैटवर्क से जोड़ने में काफी मददगार होते हैं। राउटर वाइड एरिया नेटवर्क को Segment में बाटने में भी मददगार होते हैं। इससे नेटवर्क में दौड़ने वाली सूचनाओं की मात्रा घटने में मदद मिलती है और WAN की दक्षता बनी रहती है।Sunday, 25 December 2016
Wednesday, 21 December 2016
PC Laptop Hanging Problem And Repair Tips Hindi
DESKTOP PC HANGING PROBLEM AND REPAIR
computer hanging problem में COMPUTER अचानक चलते चलते रुक जाता है। या फिर WINDOW के शुरुवात में रुक जाता है। कंप्यूटर के HANG होने के कई कारण हो सकते हैं। आपको यह पता करना होगा कि कंप्यूटर के HANG होने का प्रमुख्य कारण क्या हैं।
इसके लिए आप दूसरी हार्ड डिस्क लगा कर देखे।
यदि RAM खराब हे तो भी कंप्यूटर HANG हो सकता हैं RAM खराबी के कारन आपको SCREEN पर कलर फुल लाइन आना या स्क्रीन के पिक्सेल का खराब होना
और बार बार OS का CORRUPT होना सब RAM AND HARD DISK कि खराबी से होते हैं आप RAM को बदल कर देखे।
computer hanging problem में COMPUTER अचानक चलते चलते रुक जाता है। या फिर WINDOW के शुरुवात में रुक जाता है। कंप्यूटर के HANG होने के कई कारण हो सकते हैं। आपको यह पता करना होगा कि कंप्यूटर के HANG होने का प्रमुख्य कारण क्या हैं।
COMPUTER HANG के निम्नलिखित कारण हो सकते है।
कंप्यूटर में VIRUS का होना
VIRUS होने पर कंप्यूटर BIOS में तो HANG नहीं होगा लेकिन WINDOW START-UP के दोरान या फिर WINDOW के पूरी तरह से OPEN होने के बाद होगा। किसी FILE को OPEN करने पर COMPUTER HANG हो या फिर कंप्यूटर काफी SLOW काम करे तो इसका मतलब हैं। कि कंप्यूटर में वायरस है उसके लिए आप कोई भी अच्छा ANTI-VIRUS से पुरे कंप्यूटर को SCAN करे।हार्ड ड्राइव के कारण
HARD DISK में यदि BAD SECTOR हैं। तब भी कंप्यूटर में HANGING कि समस्या हो सकती हैं। लेकिन यह कैसे पता चलेगा कि हार्ड डिस्क में BAD SECTOR हैं। यदि कंप्यूटर चलते चलते HANG होने लगे या फिर या अचानक कंप्यूटर HANG हो कर BLUE ERROR दे या RESTART हो तो HARD DISK मे BAD सेक्टर हो सकते हैंइसके लिए आप दूसरी हार्ड डिस्क लगा कर देखे।
यदि RAM खराब हे तो भी कंप्यूटर HANG हो सकता हैं RAM खराबी के कारन आपको SCREEN पर कलर फुल लाइन आना या स्क्रीन के पिक्सेल का खराब होना
और बार बार OS का CORRUPT होना सब RAM AND HARD DISK कि खराबी से होते हैं आप RAM को बदल कर देखे।
एसएमपीएस के ख़राब होने पर
यदि POWER SUPPLY ख़राब हे तो भी आपका कंप्यूटर HANG करेगा तो SMPS को भी न भूले बहुत से SMPS सही पॉवर न देने कि वजह से कंप्यूटर HANG होने लगते हैंकंप्यूटर में प्रोसेसर के OverHeat होने पर
कंप्यूटर का PROCESSOR यदि ज्यादा गरम हो रहा हे तो कंप्यूटर HANG होगा या बार बार रीस्टार्ट होगा जिसके लिए आप CPU FAN को चेक करे कि वो सही से काम कर रहा है कि नहीं यदि CPU FAN LOOSE हैं तो उसे आछे से TIGHT करे यदि फिर भी CPU OVER HEAT कर रहा हैं। तो दूसरा CPU लगाये CPU बदलने के बाद भी अगर आपका CPU OVER HEAT कर रहा हैं तो फिर आपके मदर बोर्ड के POWER SECTION में प्रॉब्लम है। मदर बोर्ड को रिपेयर करे या फिर दूसरा मदर बोर्ड लगायेLaptop Rom Bios - Password Res
लैपटॉप रोम बायोस FLASH ROM BIOS Password Removal
लैपटॉप में ज्यादातर Flash Rom का प्रयोग किया जाता है। रोम एक तरह की स्टोरेज होती है जिसके अंदर एक सॉफ्टवेयर जिसे BIOS कहते है को स्टोर करते है। इस सॉफ्टवेयर को सीपीयू द्वारा RUN कराया जाता है। यह आईसी लैपटॉप कंप्यूटर को जब पावर ओन करते है तब तब सीपीयू को Post Signal देने का काम करती है। जिससे सीपीयू मदरबोर्ड पर लगे सभी हार्डवेयर को डिटेक्ट करता है। जानकारी डिस्प्ले करता है।यह Rom IC की स्टोरेज कैपेसिटी लगभग 4 MB होती है। या इससे भी ज्यादा की होती है। इसको ओन बोर्ड प्रोग्रामिंग आसानी से किया जा सकता है जबकि EEPROM आदि इस की Programming नहीं की जा सकती है।
लैपटॉप में कोई Section या Parts के ख़राब होने की जानकारी बायोस एरर बीप द्वारा पता चल जाता है।
Laptop system error beep code list
बीप | समस्या |
---|---|
|
|
लैपटॉप में C-Mos Setup में जाने के लिए Short cut KEY
Company | KEY |
---|---|
| F1, F2, CTRL + ALT + ESC ,DEL ESC, F3, CTRL + ALT +DEL |
रोम के ख़राब होने पर लैपटॉप में आने वाली समस्या
- रोम बायोस के ख़राब या कर्रप्ट होने पर लैपटॉप में डिस्प्ले नहीं आता है। जबकि CPU पावर LED ग्लो करती है
- या कोई error beep सुनाई देती है।
लैपटॉप सुरक्षा Rom Bios Password Remove Reset
लैपटॉप में बायोस Desktop Computer के बायोस के मुकाबले में ज्यादा सुरक्षित होता है। बायोस में पासवर्ड लगाकर लैपटॉप को सुरक्षित कर सकते है। लैपटॉप में पासवर्ड लगाकर भूल जाने पर आप आसानी से उसे हटा नहीं सकते जबकि डेस्कटॉप में आप CMOS को Jumper Setting के द्वारा Motherboard Bios Reset आसानी से कर सकते है।Laptop Rom BIOS Password लगाकर भूल जाने पर उसको बिना सॉफ्टवेयर के Reset नहीं किया जा सकता है।
- लैपटॉप के बायोस में लगे Password को हटाने के लिए बायोस की दुबारा Reprogramming करते है या
- लैपटॉप बायोस के Chip IC को बदलकर दूसरी लगते है।
यदि आपकी कंप्यूटर से सम्बंधित को समस्या है तो कमेंट करके पूछ सकते है। आप Google+, Facebook Twitter पर जुड़ कर कंप्यूटर लैपटॉप की जानकारी प्राप्त कर सकते है।
Laptop No Display ascpn
ascpn Laptop Clock generator section
Laptop motherboard clock generator - Laptop motherboard clock generator icलैपटॉप में क्लॉक जनरेटर सर्किट ठीक डेस्कटॉप मदरबोर्ड में बने क्लॉक जनरेटर सर्किट की तरह काम करता है। यह सर्किट के द्वारा मदरबोर्ड पर बने सभी सेक्शन को उनके FSB(Front Side Bus) के अनुसार क्लॉक पल्स (Clock Pulse)दिया जाता है।
इस सर्किट में एक क्रिस्टल (14.318 MHz) का होता है , तथा क्रिस्टल के द्वारा उत्पन्न क्लॉक पल्स को क्लॉक आईसी के द्वारा सिग्नल को बूस्ट करके अलग अलग सेक्शन को क्लॉक पर दिया जाता है।
क्लॉक जनरेटर सर्किट के द्वारा सीपीयू को क्लॉक पल्स दिया जाता है। जिससे सीपीयू ओन होकर सभी सेक्शन के लिए रिसेट सिग्नल (reset signal) देता है।
क्लॉक सर्किट के काम न करने पर आने वाली समस्या if Clock circuit is not working on an issue
यदि क्लॉक सर्किट ख़राब है तो लैपटॉप नो डिस्प्ले होगा। लेकिन लैपटॉप ओन होता है और सीपीयू फैन भी चलता है ( laptop no display)
सीपीयू नार्मल हीट भी होता है। लेकिन सीपीयू से रिसेट सिग्नल नहीं मिलते है।
तो क्लॉक जनरेटर सर्किट को चेक करते है।
Laptop Repair - Battery charging problems hindi ascpn
लैपटॉप में बैटरी सर्किट का विवरण और फॉल्ट्स Laptop Battery Circuit Detail And Faults
बैटरी की पूरी जानकारी हमे स्क्रीन पर मिल जाती है। जैसे बैटरी कितनी चार्ज है। या बैटरी कितने समय तक चलेगी। और बैटरी ख़राब है। बैटरी चार्ज हो रही है या नहीं। यह सारी जानकारी को सॉफ्टवेयर के द्वारा दिखाए जाने के लिए एक इलेक्टॉनिक सर्किट का इस्तेमाल किया जाता है। जिसे आईसी व मॉस्फेट के द्वारा ऑपरेट किया जाता है। इस आईसी का काम बैटरी को मॉनिटर करके उसकी जानकारी को एकत्रित करना होता है। यह एक सिस्टम मैनेजमेंट बस इंटरफ़ेस गेस्गेज आईसी होती है। इसमें एक EEPROM IC का भी प्रोयोग किया जाता है। यह सर्किट बैटरी के अंदर एक पीसीबी पर बना होता है। जैसे : IC BQ 2040, MM 1414C, 24C 01AHow to Fix a Laptop that is not Charging
Laptop Charging Section Circuit And Ic Diagram |
नीचे इन आईसीयों के पिनो का विवरण दिया जा रहा है। जल्द........
यदि यह सर्किट काम न करे तो निम्नलिखित समस्या लैपटॉप में आएगी।
- लैपटॉप बैटरी बैकअप नहीं देगा। Laptop Less or nil Battery backup
- लैपटॉप में बैटरी डिटेक्ट नहीं होगी। laptop battery not detected
- बैटरी तुरंत चार्ज या डिस्चार्ज हो जाएगी। laptop battery discharge automatically battery not charging
- बैटरी चार्जिंग स्टेटस स्क्रीन पर नहीं दिखएगी। charging status not display
- कई बार बैटरी सर्किट ख़राब होने पर लैपटॉप हैंग होने लगते है। laptop hangs
laptop Troubleshooting tips
यदि इस तरह की समस्या लैपटॉप में आती है। तो बैटरी को बदल कर दूसरी बैटरी को लगाये ।या फिर इस सर्किट को रिपेयर करे।
- यदि बैटरी बैकअप नहीं दे रही है तो सबसे पहले सिमोस सेटअप में जाकर बैटरी स्टेटस चेक करे।
- यदि बैटरी NOT INSTALLED आ रहा है तो बैटरी की पिनो को साफ़ करके दुबारा लगाये। यदि फिर भी बैटरी NOT INSTALLED दिखा रहा है तो बैटरी में लगे सर्किट पर लगी SM आईसी को बदले कर दूसरी लगाये।
- यदि सिमोस में बैटरी डिटेक्ट हो रही है। फिर भी बैटरी बैकअप नहीं देरही है तो बैटरी को लैपटॉप से निकाल कर मल्टीमीटर से चार्जर या अडॅप्टर को ओन करके लैपटॉप के बैटरी सॉकेट के पॉजिटिव व नेगेटिव पॉइंट पर 1 एम्पेर चेक करे। यदि 1 एम्पेर दिखा रहा है तो बैटरी सर्किट सही है। खराबी लैपटॉप में चार्जिंग या इनपुट पावर सर्किट से है।
- यदि 1 एम्पेयर नहीं दिखा रहा है तो खराबी बैटरी सर्किट से है। बैटरी के नेगेटिव और +B पॉइंट पर मल्टीमीटर से ऍम्पेर चैक करे यदि एम्पेयर दिखा रहा है तो इस सर्किट में लगे मॉस्फेट को ओपन है यदि मॉस्फेट सही है तो आई ख़राब है। इसे बदले
- अगर बैटरी बहुत गरम हो रही है तो इसमें लगा मॉस्फेट शार्ट है इसे चैक करे।
- यदि बैटरी डिस्चार्ज होने पर भी बैटरी फुल चार्ज का डिस्प्ले दिखता है तो इसके लिए इस सर्किट में लगा थर्मल डायोड को शार्ट के लिए चेक करे।
- बैटरी ख़त्म होने पर शट डाउन एरर मैसेज आने के बाद भी यदि लैपटॉप बंद नहीं रहा है तो डिस्चार्जिंग मॉस्फेट को शार्ट के चैक करे।
- सर्किट का डायग्राम व चित्र जल्द ही डालूँगा।
laptop Overheating Problem And Solutions {ascpn}
आमतौर पर लैपटॉप नार्मल हिट करते है। लैपटॉप में सबसे ज्यादा हीटिंग सीपीयू से होती है। जिसके टेम्प्रेचर को कंट्रोल करने के लिए उसके ऊपर कॉपर की एक खास प्रकार के हिट शिंक (गर्मी को सोखने के लिए) लगाई जाती है। और इस हिट शिंक को ठंडा रखने के लिए एक फैन लगाया जाता है। यह हिट शिंक वीजीए चिप और सीपीयू दोनों की तापमान को नियंत्रित रखता है। लैपटॉप में सीपीयू फैन लगातार नहीं चलता है वह तभी चलता है जब हिट शिंक का तापमान एक निश्चित सीमा से ऊपर चला जाता है। इसके लिए थर्मल डायोड या सेंसर सर्किट का उपयोग किया जाता है।
लेकिन यदि लैपटॉप ओवर हिट होता है तो यह एक गंभीर समस्या है। लैपटॉप के ओवर हीट होने पर निम्न समस्या आएगी।
- यदि लैपटॉप चलते चलते हैंग हो जाता है।
- लैपटॉप बहुत धीरे काम कर रहा है।
- लैपटॉप ओवर हिट का एरर मैसेज देकर बंद हो रहा है।
- लैपटॉप कुछ देर चलकर अपने आप रीस्टार्ट हो रहा है।
- ये सभी संकेत इस और इशारा करते है की आपका लैपटॉप हीट हो रहा है।
ओवर हीट होने पर कैसे करे समाधान
लैपटॉप में हीट शिंक पर डस्ट आदि जमा हो जाते है जिसके कारण फैन हीट शिंक की गर्मी को बाहर की और नहीं भेज पता और शिंक का तापमान बढ़ता जाता है जिसके कारण लैपटॉप मे सीपीयू सीमा से ज्यादा गर्म हो जाता है और उसके काम करने की क्षमता पर असर होता है।
इसके लिए हीट शिंक पर से गंदगी को साफ़ करे।
लैपटॉप में सीपीयू पर ज्यादा लोड होने पर भी प्रोसेसर तेज़ी से गर्म होता है। इसके लिए Task Manger में जाकर बिना मतलब के प्रोसेस को बंद कर दे।
लैपटॉप में वायरस होने पर भी प्रोसेसर बहुत ज्यादा गरम होने लगता है क्युकी प्रोसेसर लगातार काम करता रहता है। इसके लिए एंटीवायरस से लैपटॉप के सिस्टम को स्कैन करे।
कभी कभी लैपटॉप की बैटरी के गरम होने से भी लैपटॉप हीट होने लगते है। ऐसी स्थिति में बैटरी ख़राब हो।
ऊपर दिए हुए उपाय करने पर भी यदि लैपटॉप ओवर हीट कर रहा है तो लैपटॉप के मदरबोर्ड में खराबी है।
- लैपटॉप में थर्मल सेंसिंग सर्किट काम नहीं कर रहा है।
- लैपटॉप के मदरबोर्ड में लगे कपैसिटर शार्ट या लीक हो सकते है। (खासकर सप्लाई पथ पर लगे कपैसिटर )
- लैपटॉप ने लगा सीपीयू (प्रोसेसर) ख़राब है।
- लैपटॉप में वीजीए चिप शार्ट हो सकती है
- लैपटॉप में लगा ग्राफ़िक्स कार्ड या चिप ख़राब हो सकता है।
laptop Overheating Problem And Solutions
आमतौर पर लैपटॉप नार्मल हिट करते है। लैपटॉप में सबसे ज्यादा हीटिंग सीपीयू से होती है। जिसके टेम्प्रेचर को कंट्रोल करने के लिए उसके ऊपर कॉपर की एक खास प्रकार के हिट शिंक (गर्मी को सोखने के लिए) लगाई जाती है। और इस हिट शिंक को ठंडा रखने के लिए एक फैन लगाया जाता है। यह हिट शिंक वीजीए चिप और सीपीयू दोनों की तापमान को नियंत्रित रखता है। लैपटॉप में सीपीयू फैन लगातार नहीं चलता है वह तभी चलता है जब हिट शिंक का तापमान एक निश्चित सीमा से ऊपर चला जाता है। इसके लिए थर्मल डायोड या सेंसर सर्किट का उपयोग किया जाता है।
लेकिन यदि लैपटॉप ओवर हिट होता है तो यह एक गंभीर समस्या है। लैपटॉप के ओवर हीट होने पर निम्न समस्या आएगी।
- यदि लैपटॉप चलते चलते हैंग हो जाता है।
- लैपटॉप बहुत धीरे काम कर रहा है।
- लैपटॉप ओवर हिट का एरर मैसेज देकर बंद हो रहा है।
- लैपटॉप कुछ देर चलकर अपने आप रीस्टार्ट हो रहा है।
- ये सभी संकेत इस और इशारा करते है की आपका लैपटॉप हीट हो रहा है।
ओवर हीट होने पर कैसे करे समाधान
लैपटॉप में हीट शिंक पर डस्ट आदि जमा हो जाते है जिसके कारण फैन हीट शिंक की गर्मी को बाहर की और नहीं भेज पता और शिंक का तापमान बढ़ता जाता है जिसके कारण लैपटॉप मे सीपीयू सीमा से ज्यादा गर्म हो जाता है और उसके काम करने की क्षमता पर असर होता है।
इसके लिए हीट शिंक पर से गंदगी को साफ़ करे।
लैपटॉप में सीपीयू पर ज्यादा लोड होने पर भी प्रोसेसर तेज़ी से गर्म होता है। इसके लिए Task Manger में जाकर बिना मतलब के प्रोसेस को बंद कर दे।
लैपटॉप में वायरस होने पर भी प्रोसेसर बहुत ज्यादा गरम होने लगता है क्युकी प्रोसेसर लगातार काम करता रहता है। इसके लिए एंटीवायरस से लैपटॉप के सिस्टम को स्कैन करे।
कभी कभी लैपटॉप की बैटरी के गरम होने से भी लैपटॉप हीट होने लगते है। ऐसी स्थिति में बैटरी ख़राब हो।
ऊपर दिए हुए उपाय करने पर भी यदि लैपटॉप ओवर हीट कर रहा है तो लैपटॉप के मदरबोर्ड में खराबी है।
- लैपटॉप में थर्मल सेंसिंग सर्किट काम नहीं कर रहा है।
- लैपटॉप के मदरबोर्ड में लगे कपैसिटर शार्ट या लीक हो सकते है। (खासकर सप्लाई पथ पर लगे कपैसिटर )
- लैपटॉप ने लगा सीपीयू (प्रोसेसर) ख़राब है।
- लैपटॉप में वीजीए चिप शार्ट हो सकती है
- लैपटॉप में लगा ग्राफ़िक्स कार्ड या चिप ख़राब हो सकता है।